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* श्रावण मास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ?

* श्रावण मास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ?

ॐ नमः शिवाय…..!  ॐ नमः शिवाय…….! ॐ नमः शिवाय……!

 हरे राम…..! हरे राम…….! हरे राम…….! हरे राम….!

          सभी भक्तों को खूब-खूब धन्यवाद…….! क्योंकि आज हमारे अमृतधारा ने 125 दिन पूरा करके सफलता के ओर भी सोपान सर कर रही है | इनके पीछे आप सभी भक्तों का साथ-सरकार और योगदान बडा रहा है | पहले तो मैं आप सभी भक्तों से क्षमा चाहता हूं | क्योंकि काफी समय से मेरा ब्लॉग अपडेट नहीं हो रहा है इसलिए | क्योंकि मैं और कार्य में व्यस्त था | लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, परंतु हर वीकली अपडेट होता रहेगा | जय सियाराम…..! हरे राम….!

आप सभी भक्तों को श्रावण मास की खूब-खूब बधाई हो…..! आज मैं आपको श्रावण मास के बारे में थोड़ा कुछ बताने का प्रयास करूंगा | फिलहाल तो हमारा श्रावणमास तो शुरु हो चुका है | हमारी भारतीय संस्कृति में श्रावण मास की बहुत भारी महिमा बताई गई है | शास्त्रों पुराणों में तो इस मास का बहुत महत्व बताया है | हमारे ऋषि मुनियों ने भी उनकी अलग-अलग सोच से उनकी महिमा का वर्णन किया है | सभी मासाे में से श्रावण मास को सबसे अधिक पवित्र माना गया है | इसलिए तो भगवान शिवजी को भी श्रावण मास अधिक प्रिय है | तो चलो हम देखते हैं कि सावन मास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए |

             आप सभी भक्त ताे श्रावण मास के बारे में तो जानते ही होगे फिर भी मैं अपनी तरफ से जितना जानता हूं उतना बताने का प्रयास करूंगा | श्रावणमास हमारी भारतीय संस्कृति का एक पवित्र मास है | यह मास कही सारी कथाएं प्रसंग और भगवान शिवजी के साथ जुड़ा हुआ है | इसलिए भगवान शिवजी का प्रिय मास है | आप यदि ऐसा भी समझ शकते हो कि यह मास पुरा भगवान शिवजी का ही है |  अधिकतम हम देखते हैं कि यह मास में भगवान शिवजी की पूजा-अर्चना काफी सारे भक्तों करते हैं और यह बिल्कुल सत्य है | अब हम यह जानेंगे कि श्रावण मास में क्या करना चाहिए ? पहले तो हमें हर रोज सुबह में उठ जाना चाहिए | फिर स्नान-शाैच इत्यादी से निवृत हाेकर भगवान शिवजी के दशँन करना चाहिए | उसके बाद हमारा जो नित्य-क्रम है उसमें लग जाना चाहिए | इस महीने में हमें जितना हो शके उतनी भक्ति बढ़ाना चाहिए | इसके अलावा नित्य पूजा पाठ और मंत्र जाप करना चाहिए | यह साल में एक बार आता है इसलिए हमें भगवान शिवजी के मंदिर में जाकर उनका दर्शन एक बार ताे अवश्य करना चाहिए | मैं जानता हूं कि सभी भक्तों के पास समय का अभाव होगा फिर भी थोड़ा बहुत जोर जबरदस्ती करके समय निकालकर शिवजी के मंदिर में जाना चाहिए | वहां जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करना, दूध, दही आदि-आदि उनमें से एक शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए | उसके बाद वहां थोड़ी देर तक बैठना है और ॐ नमः शिवाय  मंत्र का जाप करना है | जीस से हमारी अंदर  सकारत्मक उजाँ का संचार हाेता है | 

                    मैंने तो ऐसे ही कहीं भक्त देखे हैं जो पूरा सावन मास करते हैं |  हर रोज भगवान शिवजी के मंदिर जाते हैं और पूजा- अर्चना करते हैं | फिर भी जिनके पास समय का अभाव हो और उनको भी शिवजी की भरपूर भक्ति, पूजा-अर्चना करना चाहते हैं तो वह हर सोमवार को भगवान शिवजी के मंदिर जा शकते हैं | क्योंकि सोमवार भगवान शिवजी का बार होता है | इसलिए श्रावण मास में उनका महत्व विशेष हो जाता है |  इस मास में हमें सतत हरि चिंतन करना चाहिए, भगवान महिमा का गुणगान करना चाहिए और आनंद उल्लास से रहना चाहिए | मैंने देखा है कि यह मास में काफी सारे भक्तों घर में महाभारत और रामायण जैसे महान ग्रंथाे काे पढ़कर दूसरों को सुनाते हैं | ऐसा पूरा श्रावण मास तक इसका अध्ययन करते हैं | क्योंकि इस मास महाभारत और रामायण पढ़ना और सुनना पुण्यदायी और फलदायी होता है | इस मास में हमें पवित्र तीर्थ स्थानों में भी जाना चाहिए | इसके अलावा हमें जो सच्चे सद्गुरु या कोई महापुरुष हाे ताे उनके आश्रम में जाकर कथा सत्संग का श्रवण करना चाहिए |  उनका भी एक विशेष महत्व बताया है | इस मास में जितना हो शके उतना हमें हरि स्मरण, चिंतन और कथा-सत्संग का श्रवण करना चाहिए | साथ में व्रत-उपवास करना चाहिए | ध्यान,भजन-कीर्तन भी करना चाहिए | जिसके पास गुरु मंत्र है तो उस मंत्र का जाप करें अन्यथा  ॐ नमः शिवाय मंत्र का भी जाप कर शकते हो | इसके अलावा भगवान शिवजी का महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए | इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु नहीं होती है | इसलिए यह मंत्र का तो अवश्य जाप करना चाहिए | कुल मिलाकर जितनी भी भक्ति ज्यादा हो शके उतनी भक्ति का इस श्रावण मास का लाभ लेना चाहिए |

              और दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि आप भगवान शिवजी के दर्शन करते हो, मंदिर में जाते हो, व्रत-उपवास आदि आदि व्रत नियम करते हो, पूजा-पाठ, मंत्र-जाप, साधना विगेरे-विगेरे का अनुष्ठान करते हो, पर इसके साथ और एक सेवा जाेड दोगे तो आपकी श्रावण मास के भक्ति सौ प्रतिशत सफल हो जाएगी | आपको सौ प्रतिशत पुण्य फल प्राप्त होगा | वह सेवा है दान-पुण्य की सेवा | यानी कि दरिद्रनारायण की सेवा | हां दरिद्रनारायण की सेवा | हमे गरीबों के झोपड़पट्टी में जाकर अनाज वितरण की सेवा, भोजन खिलाने की सेवा, फलाहार वितरण की सेवा, कपड़े वितरण की सेवा विगेरे-विगेरे जैसी सेवा करनी चाहिए और साथ में जो मुंगे प्राणी-पशु है उनको चारा देना, दाने डालना पानी पिलाना आदि-आदि सेवा करते हो तो आप की भक्ति में चार चांद लग जाएगा | स्वयं भगवान भी बहुत प्रसन्न हो जाएंगे और आपको आत्म संतुष्टि का अनुभव होने लगेगा | जो मनुष्य जन्म में उत्तम धन होता है |

*अब हम जानेंगे कि श्रावणमास में क्या नहीं करना चाहिए ? 
                पहले तो हमें कभी देर से उठना नहीं चाहिए | दूसरी बात कि हमें फालतू में समय नहीं गवाना चाहिए | जितना हो शके उतना हमें संयम रखना होगा | वह चाहे खाने पीने में हो या स्त्री संबंधीत समागम हो | यानी कि पति-पत्नी हो तो इन मास में कभी समागम नहीं करना चाहिए | इन दिनों में घर में जितना हो शके उतना शाकाहारी भोजन ही बनाना चाहिए,  नही के मांसाहारी | यानी कि सात्विक भोजन करना चाहिए | मटन, मांस, मच्छी, अंडे आदि-आदि का सेवन नहीं करना चाहिए | (मांसाहारी नहीं परंतु शाकाहारी बनो) यह मेरा आने वाले ब्लॉग में विस्तृत से में समझाने का प्रयास करूंगा | मैंने काफी लोगों को देखा है कि श्रावण मास तो करते हैं परंतु पान, पड़ेकी, गुटका आदि-आदि का सेवन करते हैं और कहते हैं कि भाई मैं तो श्रावणमास करता हूं | मेरा उपवास है | अरे..भाई..! यह उपवास नहीं है परंतु श्रावण मास का मजाक कर रहा है और दूसरे लोग ऐसे भी है जो सुबह में व्रत-उपवास करते हैं और शाम को तो फास्ट फूड यानी के चाइनीस, बर्गर, पिज़्ज़ा विगेरे जैसे जंक फूड खा लेते हैं और पेप्सी, कोका-कोला, थम्पसप पीके येनजाेय करते हैं | इससे अच्छा तो तू श्रावण मास में उपवास नहीं करता तो अच्छा रहता | तु ऐसे ही येनजाेय कर, चलेगा | इसलिए हमें जितना हो शके उतना हमें काम, क्रोध स्वाद लाेलुपता विगेरे पर से हमारे मन काे बचाना होगा, संयम करना होगा | अश्लील फिल्में भी नहीं देखनी चाहिए | अश्लील किताबें भी नहीं पढनी चाहिए | एसे तो ओर भी कही सारे व्रत-नियम है,  जिसका मैं पूरा वर्णन करने जाऊं तो किताबों की किताबे भर  जाएंगी | लेकिन उसका अंत नहीं आएगा | फिर भी मेरी सोच विचार से जितना आया उतना आपको बताया | और भी मैं आपको बताऊंगा ऐसे ही कही सारी कथाएं और ज्ञान-गोष्टी |  जो मेरे आने वाले ब्लॉग में आएगा | बस आप जैसे भक्तों का साथ-सहकार चाहिए | जय सियाराम……..! जय सियाराम…….! हरे राम हरे राम हरे राम हरे राम………..!

🌹🌹🌹ओम………. ओम……… ओम…….. ओम…….. ओम……..!🌺🌺🌺
🌹🌹🌹 हरे राम…….. ! हरे राम……..! हरे राम……..!🌺🌺
🪻🪻 बोलो माॅं आद्यशक्ति जगदंबा माता की जय………🪻🪻

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