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अधिक मास की कथा

हमारी भारतीय संस्कृति को मानना पड़ेगा कि यह संस्कृति अपने आप में महान है | पूरे विश्व में ऐसी संस्कृति आपको कहीं जगह पर नहीं मिलेगी | यह पूरे विश्वास से मैं कहता हूं | इसलिए इस संस्कृति को मैं शत-शत प्रणाम करता हूं | आप जरा सूक्ष्म दृष्टि से सोचोगे तो ज्ञात होगा कि…

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भक्ति क्या है और भक्ति कैसे बढ़ाएं

आध्यात्मिक मार्ग में भक्ति काे सर्व प्रथम सोपान माना गया है | क्योंकि परमात्मा प्राप्ति का उदगम स्थान ही भक्ति है | हमारे ऋषि-मुनियों, संतो, महापुरुषों ने भी भक्ति की बहुत भारी महिमा बताई है | इसलिए हम जानेंगे कि भक्ति क्या है और उसे कैसे बढ़ाएं ? ऐसे तो भक्ति की व्याख्या कई सारे…

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श्राद्ध की महिमा

जय सियाराम …….जय सियाराम ……जय सियाराम ……… हरे राम….. हरे राम ……हरे राम …….. भारतीय संस्कृति एक ऐसी संस्कृति है जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और यह संस्कृति अपने आप में परिपूर्ण है । इसलिए हमें हमारी संस्कृति पर नाज भी है । क्योंकि यही संस्कृति बहुत प्राचीन बताई गई है । इसी संस्कृति…

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बुद्ध पूर्णिमा का उपदेश

सभी भक्तजनों को मेरी ओर से जय सियाराम…….. वैशाखी माह में आनेवाली पूर्णिमा को हम बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं | इस पूर्णिमा के दिन बाैद्ध धर्मी, बुद्ध प्रेमीओ इस महोत्सव को धाम-धूम से मनाते हैं | क्योंकि इसी दिन ही भगवान बुद्ध को अपने आप का, स्व-स्वरुप का ज्ञान प्राप्त  हुआ था |भगवान बुद्ध का…

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संसार में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?

सभी भक्तजनों को मेरी ओर से जय सियाराम…….. परमात्मा ने सृष्टि की रचना बहुत सुंदर तरह से की है | उसमें कोई भी व्यक्ति यानी के वैज्ञानिक, विद्वान, राजा-महाराज, बुद्धिमान या कोई भी महापुरुष उसमें भूल नहीं निकाल शकते | क्योंकि सृष्टि की रचना कोई आम आदमी ने नहीं बनाई किंतु स्वयं परब्रह्म परमात्मा…

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अध्यात्म दुनिया की थोड़ी पहचान

सभी भक्तजनों के लिए खुशखबरी की बात है कि आपके लिए अब ला रहे हैं अध्यात्म दुनिया वेबसाइट…. हा..अध्यात्म दुनिया वेबसाइट…..! यह वेबसाइट पहले अमृतधारा ब्लॉग पोस्ट के नाम से थी। अभी हमने इस वेबसाइट को रूपांतरित कर दिया है , जिसका नाम अब आध्यात्मदुनिया.com वेबसाइट है । जो एक पूरी आध्यात्मिक वेबसाइट होगी ।…

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सभी मनुष्य को सुख,शांति और आनंद की झंखना

सभी भक्तजनों को मेरी ओर से जय सियाराम…….. आज आपको बताऊंगा मनुष्य की झंखना सुख शांति और आनंद क्यों है ? क्योंकि सभी मनुष्य को वास्तविक में सुख, शांति और आनंद चाहिए | उसका मूल स्वभाव ही सुख, शांति और आनंद स्वरुप है | उसके लिए मनुष्य क्या-क्या नहीं करता ? उसकी प्राप्ति के…

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