
आइए जानते हैं ध्यान क्या है ? ध्यान के बारे में….ठीक है…..!

May 15 @ 3:30 pm - May 16 @ 3:30 pm
Free
ध्यान के बारे में मैंने आगे भी अपने ब्लॉग में काफी सारा समजाने का प्रयास किया है । फिर भी यहां थोड़ा कुछ बताने का प्रयास करता हूं….ठीक है….!
अध्यात्म दुनिया में, अध्यात्म जगत में ध्यान की बहुत भारी महिमा बताई गई है । हमारे साधु संतों ने, ऋषि मुनियों ने भी ध्यान के बारे में बहुत कुछ बताया है । ऐसे देखने जाए तो ध्यान के कई सारे प्रकार हैं । उनका वर्णन करने जाऊंगा तो पन्ने के पन्ने और किताबों की किताबें भर जाएगी । फिर भी उनका पूरा वर्णन नहीं कर पाऊंगा ।
परंतु यहां में आपको सहज और सरल पद्धति से ध्यान के बारे में बताऊंगा । क्योंकि हमें ऑनलाइन के जरिए ध्यान योग का अभ्यास करना है । इसलिए इसी सिस्टम से आपको मैं ध्यान योग के बारे में बताऊंगा ।
ध्यान यानी की चंचल मन को शांत करने की एक अध्यात्म व्यवस्था है । ध्यान के जरिए हम अपने चंचल मन को एकाग्र कर सकते हैं । ध्यान ही एक ऐसा साधन है जो हम अपने शरीर की सारी इंद्रियों को स्थिर करके एक लय में ला सकते है ।
ध्यान में बहुत बड़ा सामर्थ्य है, बहुत बड़ी ताकत है । जो हारे हुए को हिम्मत देता है, भयभीत को निर्भय बनता है, दुर्बल को बलवान बना देता है, चिंतित को निश्चित बना देता है, क्रोधी को शांत बना देता है । ओर भी ध्यान के माध्यम से, ध्यान की शक्ति से बहुत कुछ हम प्राप्त कर सकते है।
ध्यान एक ऐसा साधन है ध्यान एक ऐसी क्रिया है जो आपको मन को शांति दे सकता है । मन की थकान दूर करता है । ध्यान करने से आपकी आंतरिक ऊर्जा क्रिएट होती है । ध्यान करने से आपकी आंतरिक शक्तियों जागृत होती है । ध्यान करने से आपका मन शांत होता है । ध्यान करने से आपका चिड़चिड़ापन स्वभाव दूर होता है । ध्यान करने से क्रोधी स्वभाव भी शांत हो जाता है । और तुमको क्या कहूं ध्यान करने से कितना फायदा होता है वह मैं आपको जितना कहूं उतना कम है…!
और जो लोग संसार में रहते हैं उनके लिए तो ध्यान योग बहुत-बहुत जरूरी है । यानी कि जो लोग नौकरी करते है, धंधा करते है और जो विद्यार्थी है स्कूल में पढ़ते बच्चे के लिए तो ध्यानयोग एक उत्तम औषधि है । यदि आप संसार में रहते हो तो हर रोज एकाद घंटा ध्यान का अभ्यास करना चाहिए । जैसे आप अपने मोबाइल को सुबह में एकाद घंटा चार्ज कर देते हो तो पूरा दिन आपका मोबाइल चलता रहता है । वैसे ही आपको यदि ध्यानयोग में 1 घंटे बैठने से पूरा दिन आपका शरीर, आपका मन स्वस्थ और स्फूर्ति ले रहेंगे । तो एकाद घंटा हर रोज हमें ध्यान का अभ्यास करना चाहिए । ठीक है….!
तो मानना पड़ेगा की ध्यान हमारे लिए एक सर्वोत्तम साधन है । जो हर कोई व्यक्ति को करना चाहिए । इसलिए मैं चाहता हूं कि आप लोग एक बार अध्यात्म दुनिया में आइए और ध्यान योग शिविर में अवश्य भाग ले । अवश्य जुड़े । आजकल मैं देखता हूं कि आज की युवा पीढ़ी, आज की युवा जेनरेशन पान-पडीकी, गुटखा, सिगरेट, दारू आदि-आदि का सेवन व्यसन में तल्लीन हो जाते हैं । तरबॉड हो जाते है । उसकी एक आदत बन जाती है । जो कभी उनसे छूटने का नाम नहीं लेती । पहले युवाओं इतनी जल से व्यसन की ओर नहीं जा रहे थे । या नहीं करते थे । परंतु आज की युवा तो सहज ही उनकी और शौक से व्यसन की ओर जा रहे है । क्योंकि वह लोग व्यसन करने से सुख का अनुभव लेना चाहते है, आनंद लेना चाहते है..! उन लोगों को पता नहीं होता है कि यह एक क्षणभंगुर सुख है । जो हमारे मन मस्तिक को कमजोर कर देता है । ओर साथ में हमारे शरीर की मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती है । बाद में शरीर जल्द से थकान का महसूस करता है । बीड़ी, सिगरेट, पान पड़ेकि, गुटखा आदि व्यसन से हमें कोई फायदा नहीं होता है । सच में मैं कहता हूं…! परंतु हमें नुक्सान ही नुकसान है । इसलिए आज से युवाओं को मेरी नम्र विनती है कि कृपया आप ऐसे व्यसन की और न जाए या उसका सेवन न करें । ये सारी व्यसन आपके शरीर के लिए बहुत हानिकारक है । या तो फिर आपको मौत की खाई में ले जा सकती है । तो कृपया युवाओं ऐसे व्यसनों से आप दूर रहे तो ही अच्छा है ।
नारायण नारायण
नारायण